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30 April, 2013

नवगीत: पके पान झर गये

नवगीत: पके पान झर गये: -नरेन्द्र शर्मा पके पान झर गये डाल पर नये पान आये पल्लव के धर देह नेह के नए प्रान आये । लाल हो गयी डाल हो गया धरती-तल पीला सर्जन...

2 comments:

  1. सुंदर गीत गजब का अहसास
    जीवन को सच्ची तौर पर बयां करती रचना सार्थक
    उत्कृष्ट प्रस्तुति


    विचार कीं अपेक्षा
    आग्रह है मेरे ब्लॉग का अनुशरण करें
    jyoti-khare.blogspot.in
    कहाँ खड़ा है आज का मजदूर------?

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    1. Aadarniy ..jyoti khare ji ...pranaam .....aapko jab tab padhti hi rahti hoon ..anubhooti E-patrikaa..ke maadhyam se ..aapke Blog par bhi avashy jaaungi .....aapkaa bahut bahut shukriyaa...!!

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