गीत नवगीत कविता डायरी

10 June, 2010

मुक्तक

दर्द सहती रही जाने किसके लिए ,
आँख रोती रही जाने किसके लिए !
इस जमाने को मेरी जरूरत नहीं ;
सांस चलती रही जाने किसके लिए !!
               ~भावना~  

2 comments:

  1. चूडियों की खनखनाहट सुनायी देंगी
    पायलों की छमछमाहटें सुनायी देंगी
    भावना के गीत यदि सुनोगे तुम जो दिल से
    जिंदगी में गुनगुनाहटें सुनायी देंगी

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