भावना तिवारी -भावांकन
गीत नवगीत कविता डायरी
16 February, 2013
राहें चलती जातीं हैं ..पाँव ठहरते जाते हैं .....
जितना दर्द छुपाती हूँ,घाव उभरते जाते हैं...
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