.......हम हाथ थामने तक से डरते हैं ...हर निग़ाह लगती है पहरेदार ....
इक़ पीपल का उम्रदराज़ पेड़ आश्रय देता है हमारे प्रेम को ...और शायद आशीष भी..जिसका एहसास तब अधिक होता है ,जब हमें देर से घर पहुँचने पर भी किसी का कोप-भाजन नहीं बनना पड़ता ....या हमारे झूठे बहाने पकड़े नहीं जाते ...
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